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भोपाल / 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से शादी के अगले ही दिन 5 लाख के जेवर लेकर भागी 40 साल की लुटेरी दुल्हन


ये कहानी यूं तो फिल्मी लगती है, लेकिन है हकीकत। ईश्वर को साक्षी मानकर रिटायर्ड इंजीनियर ने जिस गरीब महिला को आसरा दिया, वह एक लुटेरी दुल्हन निकली। शादी के दिन ही उसने इंजीनियर की पहली पत्नी के पूरे जेवर हथिया लिए। मां की मौत का बहाना बनाकर अगले दिन मायके रवाना हुई, लेकिन फिर नहीं लौटी। मां की तेरहवीं के लिए इंजीनियर से 40 हजार भी हड़प लिए। जांच में पता चला कि लुटेरी दुल्हन ने अपने पति के साथ मिलकर कोटा में भी एक बुजुर्ग को ठगा है। क्राइम ब्रांच ने दोनों जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है। 



एक साल पहले कोलार रोड निवासी 70 वर्षीय रिटायर्ड इंजीनियर की पत्नी का निधन हो गया था। एक बेटा है, जो प्रदेश से बाहर रहता है। अकेलापन महसूस होने पर उन्होंने कुछ दिनों पहले अखबार में वैवाहिक विज्ञापन दिया। इसके दो दिन बाद शंकर दुबे नाम से एक व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया। कहा मैं पन्ना जिले के भितरवार गांव से बोल रहा हूं। मैंने पेपर में विज्ञापन देखा था। मेरे घर के पास ही करीब 40 वर्ष की रानी मिश्रा नाम की एक गरीब महिला रहती है, जो अविवाहित है।


बचपन में एक गाय ने उसके पेट में सींग मार दिया था, इसलिए वह मां नहीं बन सकती। यही वजह रही कि उसकी शादी नहीं हो सकी है। यदि आप उसे स्वीकार कर लें तो उसे भी सहारा मिल जाएगा। झांसे में आकर इंजीनियर ने शादी करने के लिए हामी भर दी। बीती 19 फरवरी को दोनों जालसाज इंजीनियर के घर आए और 20 फरवरी को ईश्वर को साक्षी मानकर रानी से इंजीनियर ने शादी कर ली। इंजीनियर ने अपनी पहली पत्नी के जेवर रानी को पहनने के लिए दे दिए। 
 


फंसता गया इंजीनियर- पत्नी की हर चाल को मानता रहा सच


मां की तबीयत बिगड़ गई है, जाना होगा
शादी के दिन ही रानी के पास एक कॉल आया। उसने इंजीनियर से कहा- मां की तबीयत बिगड़ गई है, मुझे जाना होगा। आने-जाने के नाम पर उसने साढ़े सात हजार रुपए लिए और गहने पहनकर शंकर के साथ गांव चली गई। गांव पहुंचकर इंजीनियर को कॉल किया कि मां अब नहीं रही। तेरहवीं के बाद ही लौट सकूंगी। इसके लिए मुझे 40 हजार रुपए की जरूरत पड़ेगी। शंकर ने आकर इंजीनियर से 40 हजार रुपए भी हड़प लिए, लेकिन रानी दोबारा नहीं लौटी। 
 


घर की कलह खत्म करने दिया साथ
दैनिक भास्कर के सवाल पर रामफल ने कहा कि मैं पहले सेना में जवान था। तबीयत खराब रहने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। सुनीता से पहले मैंने एक अन्य महिला से भी शादी की थी। दोनों पत्नियों के बीच में कलह बढ़ रही थी। इसलिए मैंने सुनीता से कहा कि तुझे जहां जाना है, जा, लेकिन घर मेंे कलह मत कर। इसके कुछ दिन बाद ही वह विज्ञापन पढ़कर उसने अपनी मदद करने के लिए मुझे तैयार कर लिया।


कोटा से आए कॉल से हुआ खुलासा: पत्नी के लौटने का इंतजार कर रहे इंजीनियर को कोटा के बोरखेड़ा थाना क्षेत्र से कॉल आया था। कॉलर ने कहा कि मुझे एक महिला की कॉल डीटेल में आपका नंबर मिला है। क्या आप इसे जानते हैं? इंजीनियर ने कहा कि हां, वह मेरी पत्नी है। कॉलर ने तस्वीर मांगी। वाॅट्सएप पर तस्वीर भेजते ही उसने जवाब दिया, इसने तो मेरे साथ भी शादी की थी। मेरी पत्नी के जेवर और नकदी लेकर भागी है। सच्चाई पता लगाने के लिए इंजीनियर ने कॉल किया तो रानी का फोन स्विच्ड ऑफ था। 


पड़ोसी नहीं, पति-पत्नी निकले दोनों जालसाज
एएसपी निश्चल झारिया ने बताया कि तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। शंकर ने इंजीनियर से खुद को रानी का पड़ोसी बताया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि शंकर का असली नाम रामफल शुक्ला है अौर रानी का सुनीता शुक्ला। वह रामफल की पत्नी है। दोनों सतना के रहने वाले हैं। कोटा में हुई घटना के दौरान भी रानी उर्फ सुनीता ने मां की तबीयत बिगड़ने और उनका निधन होने का बहाना बनाकर ये वारदात की थी।