जबकि नगर निगम सीमा से सटे इलाकाें में कॉस्ट 900 रु. से बढ़कर 1100 रु. (22.22%), नगर पालिका क्षेत्र में 800 से 950 रु. (18.75%) और नगर परिषद में 500 से बढ़कर 600 रु. (20%) प्रति वर्ग फीट हो जाएगी। पंजीयन विभाग के अफसरों ने बताया कि इस साल प्रदेश में कहीं भी प्रॉपर्टी की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। पुरानी रजिस्ट्री पुरानी कीमतों में ही होगी। पिछले साल सरकार ने प्रॉपर्टी की कीमतें 20% घटा दी थीं।इससे शहरी क्षेत्र में निर्माण लागत भी 1000 से घटकर 800 रुपए प्रति वर्गफीट हो गई थी। इससे सरकार का राजस्व घट रहा था।
इसलिए बढ़ाईं लागत दर : सूत्रों के मुताबिक सरकार ने पंजीयन विभाग को इस बार 6500 करोड़ रु. राजस्व का टारगेट दिया है। अभी तक विभाग सिर्फ 5300 करोड़ रु. ही जुटा पाया है। ताजा फैसले से हर साल करीब 100 करोड़ रु. आय होगी।
विकास के लिए पैसा चाहिए
यह दूसरा साल है जब कलेक्टर गाइडलाइन में कीमतें नहीं बढ़ा रहे हैं, लेकिन कंस्ट्रक्शन कास्ट बढ़ाना जरूरी हो गया। चूंकि सरकार को आगे डेवलपमेंट के लिए राजस्व की जरूरत है। इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है। - बृजेंद्र सिंह राठौर, मंत्री वाणिज्यिक कर
इतनी बढ़ोतरी ठीक नहीं आम लोगों पर पड़ेगा भार
सरकार को अचानक से इतनी कीमतें नहीं बढ़ाना चाहिए, वैसे ही पिछले साल सरकार ने कलेक्टर गाइडलाइन में कीमतें 20 फीसदी कम की थी। शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर कीमतें और कम होना चाहिए।
- अजय अग्रवाल, अध्यक्ष जिला स्तरीय मूल्य वृद्धि विरोध समिति
असर : 750 वर्ग फीट का निर्माण 37.5 हजार रु. बढ़ा
वर्तमान स्थिति : भोपाल में कलेक्टर गाइडलाइन से 1000 वर्गफीट के प्लॉट की कीमत 20 लाख रुपए है। इसका कंस्ट्रक्शन एरिया 750 वर्गफीट होता है, ऐसे में 800 रु. वर्गफीट के हिसाब से इसकी निर्माण लागत 6 लाख रु. है। ऐसे में घर की कुल कीमत हुई 26 लाख रु.। इस पर रजिस्ट्री खर्च 12.5% के हिसाब से 3.25 लाख रुपए होता है।
1 अप्रैल से : कलेक्टर गाइडलाइन पुरानी रहेगी, लेकिन प्रति वर्ग फीट कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 1200 रु. हो जाएगी। इससे कंस्ट्रक्शन लागत 9 लाख रु. होगी। घर की कीमत 29 लाख हो जाएगी। 12.5% के हिसाब से रजिस्ट्री का खर्च होगा 3.625 लाख रुपए।
सिर्फ आरसीसी पर ही : नई कंस्ट्रक्शन कॉस्ट केवल आरसीसी निर्माण पर ही लागू होंगी। आरबीसी, चिप गार्डर फर्शी की छत, एसबेस्टस शीट, टीन शीट, अंग्रेजी टाइल्स की छत, कच्चा और कवेलू निर्माण पर नई दरें लागू नहीं होंगी।