लॉकडाउन के चलते भोपाल समेत पूरे प्रदेश के मंदिरों ताले लगे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब नवरात्र के दिनों में मंदिरों में पूजा-पाठ नहीं हो रहा है। मंदिरों में पूजा-पाठ करा दक्षिणा से घर-परिवार चलाने वाले पंडितों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। कोरोनावायरस के संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए इस बार लोग पंडितों को अपने घर बुलाकर भी पूजा-पाठ और अनुष्ठान नहीं करा रहे हैं। पंडितो ने केंद्र और प्रदेश सरकार से उन्हें आर्थिक मदद देने की अपील की है। प्रदेश में करीब 50 हजार से अधिक मंदिर हैं। वहीं, प्रदेश सरकार के धर्मस्व विभाग में पंजीकृत मंदिरों की संख्या 12 हजार मंदिर हैं।
देश भर में प्रसिद्ध प्रदेश के दतिया में पीतांबरा पीठ, देवास की माता पीठ, सतना में मैहर शक्ति पीठ, सलकनपुर विजयासन माता मंदिर, शाजापुर में मां बगलामुखी माता मंदिर समेत कई सिद्ध स्थलों और हजारों मंदिरों में प्रशासन के आदेश के बाद पूजापाठ पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। इन धार्मिक स्थलों से हजारों कर्मकाडी पंडितों के परिवार का खर्च मंदिर में मिलने वाली दक्षिणा से ही चलता है। शाहपुरा के पंडित महेश दुबे का कहना है हर साल नवरात्र के मौके पर 15 से 20 हजार रुपए दक्षिणा के रूप में मिल जाते थे। इस बार न तो मंदिर में पूजा के लिए जा पा रहे हैं और न ही किसी जजमान ने अनुष्ठान के लिए बुलाया है। ये हमारी अकेले की स्थिति नहीं है। मंदिरों में पूजा करने हर पंडित और परिवार की है।
पंडित महेश दुबे ने बताया कि तीन दिन बाद रामनवमी है, 8 अप्रैल को हनुमान जंयती है। 14 अप्रैल कर लॉकडाउन की वजह से कहीं कोई कार्यक्रम नहीं होंगे। अब तक तो जमा पूंजी थी उससे घर का खर्च चल गया। लेकिन अब आगे का खर्च कैसे चलेगा समझ नहीं आ रहा है। इसी तरह से अप्रैल माह में विवाह और गृह प्रवेश के अनेक मुहूर्त है उन तारीखों में भी लोगों ने जो बुकिंग कराई थी उसे कैंसिल कर दिया है। वैसे भी लॉक डाउन की सीमा बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया है इस मौके पर भी कुछ कार्यक्रम होंगे संशय बना हुआ है।
पीसी शर्मा ने मुख्यमंत्री से की आर्थिक मदद देने की मांग
- पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नवरात्र में मंदिरों में पूजा-पाठ करने वाले पंडितों को 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की मांग की है। शर्मा ने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से मंदिर बंद हैं। लेकिन इसके बाद भी पंडित अकेले मंदिरों में मां की अराधना कर रहे हैं। लेकिन मंदिर में भक्तों के नहीं पहुंचने से उनकी अजीविका का साधन बंद हो गया है। ऐसे हालत से निपटने के लिए सरकार को कर्मकांडी पंडितों की मदद तुरंत आर्थिक सहायता देकर करनी चाहिए।
- ब्राह्मण एकता अस्मिता सहयोग संस्कार मंच के अध्यक्ष पंडित राकेश चतुर्वेदी, एवं पंडित राजेंद्र शास्त्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कर्मकांडी पंडितों की मदद करने का आग्रह किया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि कर्मकांडी पंडितों की आय का मुख्यस्रोत मंदिरों में मिलने वाली दक्षिणा ही है। लॉक डाउन के चलते ये सब कार्य बंद हैं। इससे पंडितों के सामने घर खर्च चलाने की एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। लोग पंडितों को घर पर भी अनुष्ठान के लिए नहीं बुला रहे हैं। ये लोग सरकारी योजनाओं में गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं और मदद की सूची में भी शामिल नहीं है। ये सामान्य वर्ग के वे गरीब हैं जिन्हें सरकार द्नारा गरीबों के लिए चलाई जा रही किसी योजना का लाभ नहीं मिलता।