मध्य प्रदेश के इंदौर में सोमवार सुबह 8 नए कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई। इनमें उज्जैन के रहने वाले 37 साल के युवक की 3 दिन पहले ही मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 47 कोरोना संक्रमित हो गए। इंदौर को 3 दिन के लिए पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया। यहां किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। दूध-दवाएं, सब्जी और किराना स्टोर्स सब बंद हैं। इसका उल्लंघन करने पर जेल जाना पड़ेगा। इसके लिए इंदौर प्रशासन ने खुली जेल भी बनाई है। इधर, भोपाल में भोपाल-इंदौर की सीमा को सील कर दिया गया है। अब किसी को भी स्वास्थ्य जांच के बिना एंट्री नहीं दी जाएगी। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम सीमाओं पर तैनात हैं। इंदौर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते आज से भोपाल-इंदौर सीमा सील है। लोगों को हेल्थ चेकअप के बाद ही एंट्री मिलेगी। उन्हें वाजिब कारण भी बताना होगा। रविवार शाम को भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े और डीआईजी इरशाद वली ने सीहोर नाके पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। इंदौर 32 (5 उज्जैन शामिल), जबलपुर 8, भोपाल, 3, ग्वालियर 2, शिवपुरी में 2 संक्रमित हैं।
उज्जैन के मृतक की 3 दिन बाद कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। वह उज्जैन के माधवनगर अस्पताल में भर्ती था। बताया गया है कि वह बीमार हाेने से 5 दिन पहले नीमच गया था। वहां उसका राजस्थान के लोगों से एक पार्टी में संपर्क हुआ। वहां से लौटते ही सर्दी, खांसी, बुखार हो गया। उज्जैन में अब तक 2 लोगों की मौत हो चुकी है।
इंदौर के सीएचएमओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि अब तक 371 लोगों के सैंपल लिए गए। 184 लोगों के निगेटिव आए। रविवार को 74 लोगों के सैंपल लिए गए। इसमें 60 इंदौर के और 14 बाहर के रहने वाले हैं। शहर में देश का सबसे कड़ा लॉकडाउन किया गया है। यहां सोमवार सुबह से दवा, किराना दुकानें और पेट्रोल पंप बंद हैं। हालांकि, बाद में दूध को लेकर छूट दी गई।
प्रदेश की सीमाओं पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात
केंद्र सरकार से निर्देश मिलते ही मध्य प्रदेश की सीमा पर मेडिकल टीमें तैनात हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति बिना जांच के राज्य में प्रवेश न कर सके। झाबुआ, मुरैना, रीवा और छतरपुर के रास्ते से लोग प्रवेश कर रहे हैं। झाबुआ से ही 4-5 दिनों में 60 हजार लोगों ने प्रदेश में एंट्री ली। सरकार अब इन्हें गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है। घर वापसी करने वाले हजारों लोगों को दिल्ली और गाजियाबाद से 400 से ज्यादा बसों से रवाना किया गया है। यदि इन बसों में बैठे लोग मध्य प्रदेश के हैं तो मेडिकल परीक्षण करने के बाद प्रवेश दिया जाएगा और ठिकाने पर पहुंचते ही उन्हें क्वारैंटाइन किया जाएगा।
केवल गुजरात से ही 60 हजार मजदूर आए
कोरोना महामारी के बीच घर वापसी के संकट ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। रोजी छिन जाने के बाद करीब सवा लाख मजदूर और ग्रामीण कठिन स्थितियों में घर पहुंच रहे हैं। प्रदेश के सीमावर्ती 9 जिले भिंड, मुरैना, नीमच, बुरहानपुर, झाबुआ, मंदसौर, बैतूल, छिंदवाड़ा और बड़वानी में बाहर गए मजदूर लौट रहे हैं। यहां पर किसी को मंगलसूत्र बेच कर राशन खरीदना पड़ रहा है। कोई गांव के बॉर्डर पर ही अटका है तो कोई 2 दिन भूखा रहकर गांव पहुंचा। किसी ने 400 किमी पैदल चलकर अपनों के बीच पहुंचकर राहत की सांस ली। केवल गुजरात से ही करीब 60 हजार लोग राज्य में लौटे हैं। गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमाओं पर लोगों की जांच करने की सरकार ने मेडिकल व्यवस्थाएं की हैं।
15 फरवरी के बाद 12 हजार 125 लोग विदेश से मध्य प्रदेश लौटे
अब तक राज्य में विदेश से आने वालों की संख्या करीब 12 हजार 125 है। अब इन्हें होम क्वारैंटाइन किया गया है। इसमें भोपाल में 2605, छतरपुर में 195, छिंदवाड़ा में 98, दमोह में 9, भिंड में 5, दतिया में 3, देवास में 122, धार में 134, डिंडोरी 3, ग्वालियर में 689, गुना में 67, हरदा में 13, होशंगाबाद में 197, इंदौर में 4415, जबलपुर में 725, झाबुआ में 14, खंडवा में 212, कटनी में 153, खरगौन में 51, मंदसौर में 45, मुरैना में 20, नरसिंहपुर में 47, नीमच में 206, पन्ना में 7, रायसेन में 29, राजगढ़ में 12, रतलाम में 510, रीवा में 60, सागर में 205, सतना में 156, सीहोर में 135, शहडोल में 1, शिवपुरी में 43, सीधी में 12, सिंगरौली में 13, टीकमगढ़ में 28, उज्जैन में 605, उमरिया में 20 और विदिशा में 77 व्यक्ति हैं।
भोपाल : संदिग्धों को रोजाना वॉट्सऐप पर सेल्फी और वीडियो भेजनी होगा
भोपाल में कोरोना संदिग्धों की देखभाल और निगरानी अच्छे से हो सके, इसके लिए भोपाल नगर निगम जियो फैंसिंग की तैयारी कर रहा है। दरअसल, कोरोना संदिग्ध घर से बाहर निकलते हैं तो रहवासी कॉल सेंटर में फोन करके बार-बार शिकायत करते हैं और नगर निगम अमले को फॉलोअप लेना पड़ता है। अब संदिग्धों को वाॅट्सऐप पर अपनी एक सेल्फी और वीडियो भेजकर रोज रिपोर्टिंग करनी होगी। तबीयत बिगड़ने की तत्काल जानकारी देनी होगी। भोपाल जिला प्रशासन ने लॉकडाउन को ध्यान रखते हुए 3 श्रेणियों में ट्रांजिट पास बनाने का निर्णय लिया है। मेडिकल इमरजेंसी, मृत्यु और खाद्य सामग्री परिवहन के ही पास जारी किए जाएंगे। उधर, सीएम हाउस और जनसंपर्क विभाग के करीब 50 अधिकारी और कर्मचारी क्वारैंटाइन हो गए। एक अफसर ने पत्रकार से हाथ मिलाया था।
इटारसी: रेलवे के किचन में बनेगा जरूरतमंदों के लिए खाना
आईआरसीटीसी पेपर प्लेट्स के साथ ही बड़ी मात्रा में खाना उपलब्ध करवाने की तैयारी कर रही है। अगले एक-दो दिन में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। आईआरसीटीसी के विभिन्न स्थानों पर मौजूद बेस किचन से यह खाना दिया जाएगा। पश्चिम-मध्य रेलवे की सीपीआरओ प्रियंका दीक्षित ने बताया कि इस जोन के लिए इटारसी स्थित बेस किचन में खाना बनेगा और आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंद और गरीबों को प्रशासन के सहयोग से बांटेंगे। इटारसी समेत देशभर में कुल 13 स्थानों पर मौजूद बेस किचन में यह खाना तैयार कर विभिन्न स्थानों पर बांटा जाएगा। जिन विभागों के जरिए यह खाना बांटा जाएगा, उन्हें रेलवे को अपना मांग पत्र भेजना होगा।
खंडवा: कोरोना संदिग्ध की मौत
खंडवा जिला अस्पताल में रविवार को कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। सैंपल जांच के लिए इंदौर भेजा गया। इसकी रिपोर्ट सोमवार शाम तक आएगी। रामनगर निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति को रविवार सुबह 4.15 बजे लो बीपी की शिकायत पर भर्ती किया था। यहां उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने पर ऑक्सीजन भी लगाई। रविवार दोपहर में जांच के बाद मरीज को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया। इलाज के दौरान शाम 4 बजे उसकी मौत हो गई।
अशोकनगर: सांप को छोड़ने के लिए लेनी पड़ी अनुमति
अशोकनगर में लॉकडाउन के दौरान शहर में हर दिन कुछ अलग हो रहा है। गांधी पार्क पर बेवजह घूमने वालों को पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ रहा है। यहां शनिवार रात एक घर में सांप निकल आया। उसे जैसे-तैसे लोगों ने पकड़ा, लेकिन उसको सुनसान एरिया में छोड़ने से पहले पुलिस की परमिशन लेना पड़ी। इसके बाद ही लोग बाहर निकल पाए।
शिवपुरी : 24 घंटे में कोई नया मामला नहीं
शिवपुरी जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान कोई नया मामला नहीं आया। यहां अब तक 2 संक्रमित मिल चुके हैं। अब तक यहां 15 लोगों की जांच रिपोर्ट भेज गई, जिसमें 10 की रिपोर्ट निगेटिव आई। 3 की रिपोर्ट आनी है। 2081 लोगों को होम क्वारैंटाइन में रखा गया।
विदिशा : यहां लोगों ने जनता कर्फ्यू लगाया
विदिशा में रविवार को फिर से लोगों ने जनता कर्फ्यू लगाया। इस दौरान सब लोग पूरी तरह से घरों में बंद रहे और कोई बाहर नहीं निकला। हालांकि, शहर में 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से पहले ही कर्फ्यू जैसे हालात हैं। किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। पैदल आ-जा रहे मजदूरों का ध्यान रखा जा रहा है। हाईवे पर उनका चेकअप और भोजन बांटा जा रहा है।
बैतूल : कोरोना के डर से गांव की तरफ पैदल ही निकले
बैतूल जिले की महाराष्ट्र सीमा से 5 जगह बॉर्डर पर चौकी बनाई गई है। इन सभी चौकियों से 6700 मजदूर महाराष्ट्र से यहां आए। मजदूरों के लिए रास्ते में पड़ने वाले गांवों में भोजन की व्यवस्था की गई, जब चौकी पर आए तो प्रशासन ने भोजन का इंतजाम किया। आमला आरपीएफ ने जरूरतमंदों को खाने-पीने की वस्तुएं देने के लिए रेलवे कर्मचारियों के घर जाकर चंदा लिया। इस पैसे से राशन के 400 पैकेट तैयार किए गए, जिसमें 2 किलो आटा, एक किलो चावल, एक किलो नमक, 500 ग्राम तुअर दाल, हल्दी, मिर्ची, धनिया पाउडर और दो बिस्किट के पैकेट शामिल हैं।